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पेयजल मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने आदिवासी महाकुंभ राजकीय माघी मेला का विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन

फोटो – दीप प्रज्वलित कर राजकीय माधी मेले का उद्घाटन करते राज्य के मंत्री योगेंद्र प्रसाद,डीसी हेमंत सती,एसपी अमित कुमार, विधायक मो. ताजुद्दीन व अन्य

राजमहल/साहिबगंज: साहिबगंज जिला में उत्तर वाहिनी गंगा किनारे राजमहल स्थित गंगा किनारे पूर्णिमा पर लगने वाले तीन दिवसीय आदिवासी महाकुंभ राजकीय माघी पूर्णिमा मेला राजमहल-2025 का उद्घाटन मेला के प्रथम दिन बुधवार को झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने गंगा नदी के तट पर पुरोहित के द्वारा गंगा पूजन तथा दीप प्रज्वलित कर किया गया. मंत्री मेले का उद्घाटन करने के लिए सड़क मार्ग से गंगा की नगरी राजमहल पहुंचे थे. उद्घाटन के पूर्व मंत्री ने गंगा नदी के तट पर विधिवत गंगा पूजन कर मां गंगा का आशीर्वाद लिया.और मां गंगा से राज्य की समृद्धि और शांति की कामना की. साथ ही मां गंगा की पूजा करने आए श्रद्धालुओं के लिए सुख समृद्धि की कामना की. कार्यक्रम के दौरान साहिबगंज जिले के उपायुक्त हेमंत सती ने मंत्री को गुलदस्ता तथा स्मृति भेंट कर स्वागत किया.इस दौरान मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर वाहिनी मां गंगा के किनारे बसे राजमहल में लगने वाले आदिवासी महाकुंभ माघी मेला हमारी सांस्कृतिक विरासत का परिचायक है। यह पर्व जनजातीय गौरव और लोक संस्कृति को समर्पित है. राजमहल का माघी पूर्णिमा मेला झारखंड की सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है.यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है,बल्कि जनजातीय परंपराओं, वीर गाथाओं और समाज की सामूहिक संस्कृति को भी प्रतिबिंबित करता है. उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व भी है.मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि सरकार इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों को और भी भव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में राजकीय आदिवासी महाकुंभ माघी मेला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास किए जाएंगे. क्योंकि यहां पर लगने वाले मेले में झारखंड के अलावा बंगाल, उड़ीसा और असम के साथ पड़ोसी देश बांग्लादेश और नेपाल से भी लोग पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली हेमंत 2.0 सरकार में राज्य की सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित है.वही राजमहल विधायक मो. ताजुद्दीन उर्फ एमटी राजा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि माघी मेला जनजातीय समाज के लिए गौरव का पर्व है.राज्य सरकार और इसे भव्य बनाने के लिए प्रयासरत है. मौके पर मंत्री के आपात सचिव कपिल कुमार,डीसी हेमंत सती,एसपी अमित कुमार सिंह,एसडीओ विमल सोरेन, एसडीपीओ विमलेश कुमार त्रिपाठी,अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उदय टुडु, गुरुबाबा अभिराम मरांडी,राजमहल नगर प्रशासक स्मिता किरण सहित कई प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ-साथ झामुमो के नेता व अन्य लोग मौजूद थे.

 

राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की मेले में लगाई गई थी प्रदर्शनी

माधी मेले में विभिन्न विभागों ने राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनियां लगाई गई थी.वहीं माधी मेले में झारखंड के विभिन्न हिस्सों से आए हस्तशिल्प कारीगरों और व्यापारियों ने अपनी दुकानों में पारंपरिक वस्त्र, हस्तशिल्प उत्पाद, लकड़ी और बांस से बनी कलाकृतियां, कृषि उपकरण और अन्य वस्तुएं प्रदर्शित की.मेले में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.

 

प्रशासन के द्वारा मेले में सुरक्षा के थे चौक चौबंद

 

मेले के कार्यक्रम स्थल पर जिला पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया था.पर्याप्त संख्या में पुलिस बल, अग्निशमन दल और चिकित्सा दल को तैनात किया गया था.ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से भीड़ की निगरानी की गई.जिला प्रशासन ने मेले के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए थे.

 

मेले में श्रद्धालु उठा रहे हैं भव्य आयोजन का लाभ

 

राजमहल के ऐतिहासिक आदिवासी महाकुंभ राजकीय माघी मेला को लेकर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में भारी उत्साह देखा गया.श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं और भव्य आयोजन का आनंद उठा रहे हैं.

 

माघी पूर्णिमा में सफाहोड़ आदिवासी ने किया गंगा स्नान

 

आदिवासी महाकुंभ राजकीय माघी पूर्णिमा मेला के अवसर पर राजमहल उत्तरवाहिनी पतित पावनी मां गंगा के तट पर बुधवार को सफाहोड़ आदिवासी तथा गैर आदिवासी श्रद्धालु गंगा में स्नान कर विधिवत पूजा अर्चना की.इधर गंगा स्नान के लिए साहिबगंज, पाकुड़, दुमका सहित झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम और बिहार के साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु जत्था बनाकर बारी बारी से मेला क्षेत्र में पहुंचे.सफाहोड़ आदिवासियों ने पवित्र पावनी मां गंगा तट पर धाम स्थापित कर नियम निष्ठा के साथ पूजा अर्चना की. इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पीतल के लोटा में गंगाजल भरकर अपने सिर पर रख कर अपने-अपने

पूजा स्थल पहुंच कर वहां स्थापित किया.और अपने धर्म गुरुओं की देखरेख में मां गंगा शिव के साथ अन्य भगवानों की पूजा की.

 

गंगा तट पर अस्थाई मांझी थान में किया गया विशेष पूजा अर्चना

 

आदिवासी सफाहोड़ ने गंगा तट पर अस्थाई मांझी थान मन कर विशेष पूजा या अर्चना की गई.इस दौरान आदिवासी विदिन समाज के अनुयायी अपने धर्म गुरु के साथ कतारबद्ध होकर गंगा स्नान कर, गंगा जल लेकर मांझी थान में अपने देवता को जल अर्पित किया.

 

गंगा स्नान के लिए राज्य के साथ देश विदेश से पहुंचते हैं श्रद्धालु

 

राजमहल स्थित उत्तर वाहिनी मां गंगा की पवित्र धारा बहती है. गंगा की तट पर प्रत्येक साल आदिवासी महाकुंभ का आयोजन होता है.आदिवासी महाकुंभ में सफाहोड़ आदिवासी अपने धर्म गुरुओं बाबाओ के साथ गंगा स्नान कर विधिवत पूजा अर्चना करते हैं. इस आदिवासी महाकुंभ को राजकीय माधी पूर्णिमा मेला के नाम से जाना जाता है. जो माधी पूर्णिमा के अवसर पर लगता हैं.इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन के द्वारा किया जाता है. माघी पूर्णिमा के दौरान लगने वाले आदिवासी महाकुंभ में गंगा स्नान करने के लिए स्थानीय स्तर से लेकर झारखंड के अलावा बंगाल, विहार,उड़ीसा और असम के साथ पड़ोसी देश बांग्लादेश व नेपाल से भी भारी मात्रा में श्रद्धालु पहुंचते हैं और पूजा अर्चना कर मां गंगा से सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

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